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Monday 12 September 2016

VIII Hin Qn Aug 2016 Ans


VIII Hin Qn Aug 2016 Ans
   1-3 कविता के आधार पर उत्तर
1. कविता परिसर साफ़ रखने की बात कहती है। 1
2. 'वर्षा के पानी का संचयन करके जल का संरक्षण करो'- आशयवाली पंक्तियाँ 
     चुनकर लिखें।                                                                 2
         वर्षा से तालों को भर दो
         जल का करो बचाव।
3. कविता के आशय को टिप्पणी के रूप में लिखें, शीर्षक भी लिखें।          4
                       जल का करो बचाव
         बदलाव नामक यह कविता वर्षा जल के संचयन पर बल देती है। कवि पाठकों को वर्षा जल को संचित करके उसका उपयोग करने का उपदेश देते हैं।
         कवि कहते हैं कि कूड़ा-कचड़ा इधर-उधर न फेंककर उसे सही जगह पर डालना चाहिए। ऐसा करने से हमारा परिसर साफ रहता है। पानी को बरबाद करना बड़ा अपराध होता है। हमें पानी का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। पानी व्यर्थ बहानेवालों को कभी भी माफ़ नहीं करना चाहिए। बारिश का जल बड़ा वरदान होता है। वह पानी व्यर्थ बहाया जाता है। वास्तव में हमें उस पानी का उपयोग करना है। ऐसा करने से जल की दुर्लभता की समस्या जल्दी दूर हो जाएगी। ऐसी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने पर समाज और देश में बहुत बड़ा बदलाव आता है।
        पानी की कमी समाज में एक भयंकर समस्या है। विश्व भर में उस समस्या का बड़ा प्रभाव है। यह कविता पाठकों को, विशेषतः बच्चों और युवकों को पानी का दुरुपयोग न करने और बारिश के पानी का संचयन करने का उपदेश देती है। अतः यह कविता बिलकुल प्रासंगिक और अच्छी है।
     (बरबाद करना : ദുരുപയോഗം ചെയ്യുക सावधानी से : ശ്രദ്ധയോടെ 
व्यर्थ : അനാവശ്യമായി प्रासंगिक : പ്രസക്തം)
                                     अथवा
   परिसर को साफ रखना है - पोस्टर।                              4
    
                    कूड़ा-कचड़ा इधर-उधर न फेंको।
                    कूड़ादान का उपयोग करो।
                                 गंदगी फैलने से-
                     मक्खी-मच्छर आते हैं!
                     कीटाणुओं की संख्या बढ़ती है!!
                     महामारियाँ फैल जाती हैं!!!
                         हमारी
                             समाज की
                                   राष्ट्र की - भलाी के लिए
                         परिसर को साफ रखें, देश को स्वच्छ रखें।

(कूड़ादान : കുപ്പത്തൊട്ടി मक्खी-मच्छर : ഈച്ച, കൊതുക് 
 महामारियाँ : പകര്‍ച്ചവ്യാധികള്‍)
   4-5 गद्यांश के आधार पर उत्तर
4. पिता ने अठारह मील की दूरी पैदल जलने का निश्चय किया।               1
5. पिताजी के व्यवहार पर अरुण गाँधी की डायरी।                       4
तारीखः.....................
        आज मुझे कार लेकर पिताजी के साथ शहर जाने का अवसर मिला। पिताजी को शाम तक की एक मीटिंग थी। माताजी ने सामान खरीदने के लिए लंबी लिस्ट भी दी थी। पिताजी को मीटिंग की जगह छोड़कर, सारे सामान खरीदे और गाड़ी सर्विस के लिए दी। जल्दी ही एक सिनेमाघर में घुसी जहाँ जॉन बेन की एक दिलचस्प फिल्म देखते-देखते समय का ध्यान न रहा। जब ध्यान आया समय साढ़े पाँच बज चुके थे। जल्दी ही गैरेज से कार लेकर पिताजी के पास पहुँचने पर समय छह बजे। पिताजी बेसब्री से मेरा इंतज़ार कर रहे थे। उन्होंने कारण पूछा। मैं झूठ बोला कि कार तैयार नहीं थी। पिताजी को पता था कि कार समय पर तैयार हो गई थी। उन्होंने कहा कि तुम्हें बड़ा करने में मेरी ओर से कुछ गड़बड़ी हुई है। इसलिए मैं यहाँ से घर तक का दूर पैदल चलूँगा। पिताजी ने चलना शुरू किया। मेरी गलती पर पिताजी स्वयं सजा भोग रहे थे। रात को अठारह मील तक पिताजी के पीछे-पीछे गाड़ी धीमी गति से चलाकर घर पहुँचा। यह घटना मुझपर गहरा असर डालनेवाला है। मैंने संकल्प लिया है कि आगे मैं कभी भी झूठ नहीं बोलूँगा। आज का दिन एक विशेष दिन रहा। 
 (सजा भोगनाः ശിക്ഷയനുഭവിക്കുക धीमी गति सेः മന്ദഗതിയില്‍ असर डालनाः സ്വാധീനിക്കുക संकल्पः ദൃഢനിശ്ചയം)
   6-8 गद्यांश के आधार पर उत्तर
6. तीनों राजकुमारों के बीच बहस होता है कि 'कौन सबसे बड़ा ज्ञानी है'     1
7. राजकुमारों के चरित्र के लिए अहंकार अधिक सही लगता है।               1
8. ज्ञानमार्ग एकांकी के राजकुमारों के चरित्र पर टिप्पणी और शीर्षक   3
                         विद्या से विनय होना है
       तीनों राजकुमारों ने गुरु से ज्ञान प्राप्त किया था। ज्ञानार्जन करके अपने-अपने घर वापस चलते समय उनमें बहस होता है कि कौन बड़ा ज्ञानी है। विद्या प्राप्त करते समय विनय होना स्वाभाविक माना जाता है। इन राजकुमारों में अहंकर की अधिकता है, इसीलिए तीनों में बड़ा बहस चलता है। अपने ज्ञान का प्रदर्शन करने के लिए ये राजकुमार शेर की हड्डी को शेर बनाते हैं। याने अपने ही अस्तित्व पर कुल्हाड़ी मारते हैं। याने उनका ज्ञानार्जन सफल नहीं है। अंत में गुरु आकर शेर को बकरी बना देते हैं। नहीं तो उनका ज्ञान उनके ही अंत का कारण बननेवाला था।
(अपने ही अस्तित्व पर कुल्हाड़ी मारनाः സ്വന്തം നിലനില്‍പിനെ ഇല്ലാതാക്കുക)
    9-11 कविता के आधार पर उत्तर
9. कवितांश में 'रात-दिन' आशयवाला शब्द-जोड़ा 'निशा-दिवा' है।        1
10. कविता में 'दुख' की विशेषता सूचित करने के लिए 'अविरत' शब्द का 
     प्रयोग किया है।                                                              1
11. कवितांश पर टिप्पणी                                                        3
अविरत दुख तो उत्पीड़न होता है, लेकिन अविरत सुख कैसे उत्पीड़न होता है। ऐसा विचार लोगों के मन में उठने की संभावना है। कवि कहते हैं कि हमें इस धरती पर जीते समय सदा सुख ही पाना संंभव नहीं, याने ऐसा उम्मीद करना ठीक नहीं होगा। जिस प्रकार रात के बाद दिन, दिन के बाद रात का क्रम होता है उसी प्रकार सुख-दुख का क्रम होता है। दुख के बाद सुख होते समय वह ज्यादा सुखदायक होता है। हमें इस धरती पर ही स्वर्ग की कामना नहीं करना चाहिए। (धरती पर स्वर्ग की कामना करनाः ഭൂമിയില്‍ സ്വര്‍ഗ്ഗം ആശിക്കുക)
    12-15 किन्हीं तीन के उत्तर लिखें।
12. सभी शिक्षक भी हैं और विद्यार्थी भी- बीरबल के इस कथन पर विचार  2
       इस दुनिया के हर व्यक्ति में कुछ--कुछ विशेष क्षमता होती है। याने हर व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से भिन्न होता है। ज्ञानार्जन की प्रक्रिया हमारी जिंदगी भर चलती रहती है। हम विभिन्न स्रोतों से ज्ञान बढ़ाने का प्रयास करते हैं। अकबर बादशाह के दरबार में जितने लोगों को बीरबल लाए थे, सब अपने में विशेष क्षमता रखनेवाले थे। उनमें से प्रत्येक व्यक्ति किसी विशेष क्षमता दूसरों को सिखा सकता है।
13. ज्ञानमार्ग एकांकी में राजकुमार 1 कहता है कि मेरे पिता बड़े ज्ञानी हैं और उनका पुत्र होने के नाते मैं बड़ा ज्ञानी हूँ। ऐसा कोई नियम नहीं है कि ज्ञानी पिता का पुत्र हमेशा ज्ञानी होता है। कभी-कभी इसका ठीक उल्टा भी होता है।
(ठीक उल्टाः നേരെ മറിച്ച്)
14. नमूने के अनुसार तालिका की पूर्तिः                                       2
हड्डियाँ पड़ी दिखाई देती हैं हड्डियाँ पड़ी दिखाई देती थीं
बहिन शहर जाने के इंतज़ार में रहती है बहिन शहर जाने के इंतज़ार में रहती थी
पिताजी के पीछे-पीछे कल चलाता है पिताजी के पीछे-पीछे चल चलाता था
15. 'ज्ञानमार्ग' एकांकी के आधार पर उचित प्रस्ताव                         2
  • ज्ञान सबकी भलाई के लिए है
  • दूसरों को नुकसान पहुँचानेवाला ज्ञान अज्ञान है
    16-17 गद्यांश के आधार पर उत्तर
16. मेले का अनुभवः मित्र के नाम मनु का पत्र                       4
                                                             स्थानः................,
                                                             तारीखः...............
प्रिय अबु,
       तुम कैसे हो? घर में सब कैसे हैं? पढ़ाई कैसी है? मैं यहाँ ठीक हूँ।
       आज मैं एक मेले में गया। अच्छा अनुभव था। मैं घोड़े पर वैठा। कुछ खिलौने खरीदे। मेले में मनोरंजन के लिए बहुत सी सुविधाएँ थीं। वहाँ विभिन्न प्रकार के व्यापार चल रहे थे। खाने के लिए भी बहुत-सी चीज़ें थीं। घर वापस आते समय एक कुत्ते के कारण मैं बहुत घबराया था।
      तुम्हारे माँ-बाप को मेरा प्रणाम। छोटे भाई को प्यार।
                                                                तुम्हारा मित्र,
                                                                 (हस्ताक्षर)
                                                                  मनु. के.पी.
सेवा में
       अबु. सी.के.,
       .................,
       .................
17. रेखांकित शब्द का सीधा संबंध                                           1
     जब मैं मेले में जाता हूँ, तब मुझे बहुत खुशी होती है। (उत्तर मैं)
18. संबंध पहचानें और सही मिलान करें।                                    3
हम तीनों इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि हमने ज्ञान प्राप्त कर लिया है।
यब बताते हुए मुझे शर्म आई कि मैं जॉन बेन की एक पश्चिमी फिल्म देख रहा था।
सबको यह सीखना चाहिए कि अच्छा इनसान कैसे बन जा सकता है।
19. बादशाह अकबर सबकुछ सीखना चाहते हैं। इसपर बीरबल-
    बूढ़ी महिला वार्तालाप।                                              4
बीरबलः शाहंशाह ने सबकुछ सीखने की इच्छा प्रकट की है।
बूढ़ी महिलाः वह तो संभव नहीं है।
बीः वह तो संभव नहीं है। लेकिन हमें उनको वह समझाना है।
बू. मः कैसे समझाएँगे?
बीः मैं कल विभिन्न प्रकार के काम करनेवालों को राजमहल में उपस्थित कराने जा रहा हूँ।
बू. मः उससे क्या फायदा है?
बीः हम उन्हें समझाएँगे कि यहाँ आए हर व्यक्ति में कुछ--कुछ हुनर और विशेष क्षमता है।
बू. मः उससे यह भी समझा सकेंगे कि सबकुछ सीखना संभव नहीं है।
बीः उसके लिए मैं आपकी भी सहायता चाहता हूँ।
बू. मः ज़रूर मैं भी तुम्हारी सहायता करूँगी।
(उपस्थित करानाः ഹാജരാക്കുക फायदाः പ്രയോജനം ज़रूरः തീര്‍ച്ചയായും)
                             ravi. m. ghss kadannappally, kannur





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